21-02-21

21-02-21 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 06-11-87 मधुबन निरन्तर सेवाधारी बनने का साधन चार प्रकार की सेवाऍ आज विश्व-कल्याणकारी, विश्व-सेवाधारी बाप अपने विश्व-सेवाधारी, सहयोगी सर्व बच्चों को देख रहे थे कि हर एक बच्चा निरन्तर सहजयोगी के साथ-साथ निरन्तर सेवाधारी कहाँ तक बने हैं? क्योंकि याद और सेवा – दोनों का बैलेन्स सदा ब्राह्मण जीवन में बापदादा और सर्व श्रेष्ठ ब्राह्मण आत्माओं द्वारा … Continue reading 21-02-21